दुनिया का हर शख्स, गलत फ़हमी का है शिकार
धोखा ही तो है, आफ़ताब-ओ-ज़मीन का वो प्यार
कि जो हो ऐसा तो लाश हो जाए बशर यक-लख्त
खुशफ़हमियां सहलाएं दिल जो, माहियत करे बेज़ार |
©मोहक चौधरी ‘सचिंत’, ११.०२.२०१८
चित्र : ©मोहक चौधरी
माहियत- Reality, आफ़ताब- The Sun